अन्नकूट के पर्व पर मंदिरों में भंडारे का आयोजन 

उत्तराखंड मसूरी

मसूरी

दीपावली पर्व के साथ ही गोवर्धन पूजा के मौके पर अन्नकूट पर्व के तहत लोगो ने मंदिरों व घरों में पूजा अर्चना की व भंडारे का आयोजन किया।
गोवर्धन पर्व पर अन्नकूट का विशेष महत्व है जो दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है जिसमें मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना करने के साथ ही हवन के बाद भंडारा किया जाता है। मसूरी में श्री सनातन धर्म मंदिर, कुलड़ी में राधाकृष्ण ंमंदिर व लाइब्रेरी में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में अन्नकूट के तहत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर राधाकृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी प. परशुराम भटट ने बताया कि भगवान कृष्ण ने जन्म के बाद जब इंद्र ने भारी बरसात की तो भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली पर उठा लिया व वृदांवन को बचाया। जिसमें बाद चावल, कड़ी के साथ सभी प्रकार की सब्जियों को कूट कूट कर सब्जी बनाई जाती है जिसे भंडारे के रूप में प्रसाद ग्रहण किया जाता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए राधाकृष्ण मंदिर के अध्यक्ष सतीश ढौडियाल ने बताया कि हर वर्ष अन्नकूट पर मंदिर में पूजा अर्चना व हवन के बाद भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसके तहत भंडारा आयोजित किया गया। इस मौके पर व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि हर वर्ष अन्नकूट पर सभी मंदिरों में भंडारे का  आयोजन किया जाता है लेकिन कोरोना महामारी के कारण गत दो वर्ष से भंडारा नहीं किया गया लेकिन इस वर्ष कोरोना के कम होने पर भंडारे का आयोजन किया गया व लोगों ने कामना की कि कोरोना समाप्त हो जाये व लोग फिर से अपने को स्वस्थ रख परिवार की सुख समृद्धि के लिए कार्य करें। उन्होंने बताया कि विशेष कर श्री सनातन धर्म मंदिर लंढौर, राधा कृष्ण मंदिर कुलड़ी व श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में अन्नकूट पर्व पर भंडारे का आयोजन किया गया है । इस मौके पर शिव अरोड़ा, नागेद्र उनियाल, जगजीत कुकरेजा, सुनील पंवार, सुरेश गोयल, सहित बड़ी संख्या में लोगों ने सहयोग किया।

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