देहरादून
राज्य के औद्योगिक विकास, मंत्री गणेश जोशी ने आई0टी0 पार्क स्थित सिडकुल कार्यालय में सिडकुल की समीक्षा बैठक ली। अधिकारियों द्वारा विभागीय मंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में अब तक हरिद्वार, पंतनगर, कोटद्वार, सेलाकुई, काशीपुर, सितारगंज तथा टिहरी में मदन नेगी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं।
काबीना मंत्री ने ‘‘उत्तराखण्ड राज्य एकीकृत औद्योगिक विकास निगम’’ (सिडकुल) की आय के स्रोतों तथा देनदारियों की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया किया कि घाटे को कम कर लाभ की ओर ले जाने की कार्यशैली पर तेजी से काम किया जाए। सिडकुल द्वारा लिए गए लोन की वजह से सलाना पैदा होने वाले ब्याज के भार को कम करने के लिए लोन के कुछ भाग का भुगतान बैंक को अतिशीघ्र किया जाना चाहिए।
काबीना मंत्री गणेश जोशी ने सभी अधिकारियों से पूछा कि राज्य में क्यों नहीं आ रहे हैं उद्योग? उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास के लिए जारी की गई ‘‘औद्योगिक विकास स्कीम – 2017’’ के बाद हुए बदलावों से राज्य में औद्योगिकीकरण को जो बढ़ावा मिला था उस मूवमेंटम को जारी रखने के लिए उद्योग फ्रेंडली वातावरण तैयार किया जाए।
निवेश ऐसा हो जिससे रोजगार के अवसर पैदा हों इस बात को प्राथमिकता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि सिडकुल कमाई करने के लिए नहीं बल्कि रोजगार मुहैया करने के लिए गठित किया गया। औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए यदि नीतियों के स्तर पर कोई परिवर्तन अपेक्षित हैं तो उनका बिना देरी के प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड के माध्यम से शासन को प्रेषित किए जाएं।
सेलाकुई में प्रस्तावित फार्मा सिटी -2 को चरितार्थ करने के लिए सिडकुल के स्तर से पहल लेकर कार्य किया जाए, ताकि रिजल्ट आ सकें। विद्युत आपूर्ति हेतु ऊर्जा विभाग से समन्वय कर आद्योगों को निबार्ध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता व्यवस्था समयबद्ध तरीके से की जाए। पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेट अप करने की प्रक्रिया तथा उसके चार्जेस की समीक्षा की जाए तथा चार्जेस को अन्य राज्यों के समतुल्य रखा जाए।
मेडिकल डिवाइस पार्क हरिद्वार की डीपीआर, डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स, भारत सरकार को भेजी जा चुकी है। इसका निरंतर फॉलोअप कर इस कार्य को मूर्त रूप दिया जाए।
भारत सरकार के इलैक्ट्रॉनिकी एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से इस बारे में वार्ता कर आया हूं। भारत सरकार की ओर से पूरी मदद की जाएगी। इसलिए काशीपुर, में लगभग 133 एकड़ भूमि पर इलैक्ट्रॉनिकी विनिर्माण क्लस्टर में 170 करोड़ के निवेश से प्रस्तावित एंकर युनिट की स्थापना के कार्य का शासन तथा भारत सरकार के स्तर पर लगातार फॉलोअप किया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य में लकड़ी आधारित उद्योगों के लिए पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध है। इसलिए कुमाउं तथा गढ़वाल मण्डल में एक – एक काष्ठ आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए।
समीक्षा बैठक में प्रबंध निदेशक रोहित मीणा (आईएएस), जी0एम0 पी0सी0 दुम्का, डी0जी0एम0 एन0के0कोरंगा, कम्पनी सेक्रेटरी राजीव झा, ए0जी0एम0 राखी, प्लानर वाईएस पुण्डीर, सहायक प्रबंधक (आईटी) एलके मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
लीक से हट कर सोचें अधिकारी –
उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि आपके पास असीम संभावनाएं हैं। अतः अपनी बौद्धिक क्षमताओं का राज्य हित में प्रयोग करने के लिए लीक से हट कर सोचेंं। उन्होंने कहा कि नैनीताल की खूबसूरत वादियों में बसे पटवाडांगर क्षेत्र में फिल्म सिटी तथा संबंधित उद्यम विकसित करने के लिए प्रस्ताव बना कर शासन को भेजे ।
इसी प्रकार भीमताल स्थित भूमि में कॉकटेल उद्योग लगाने की दिशा में काम किया जाए। भीमताल क्षेत्र में लेण्ड युज पॉलिसी में आंशिक बदलाव करके आई0टी0 तथा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के कॉकटेल उद्यमों के अनूकूल बनाया जाए।
हरिद्वार में इनलैंड कंटेनर डिपो (आई0सी0डी0) बनेगा-
काबीना मंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देषित किया कि दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल जी से इस संबंध में वार्ता हो चुकी है। अब आपको सुनिश्चित करना है कि हरिद्वार में रेलवे के सहयोग से औद्योगिक माल ढुलाई के लिए बेहद आवश्यक आधारभूत सुविधा आईसीडी से संबंधित प्रस्तावों को तैयार करने, सर्वेक्षण कार्यों, डी0पी0आर0 निमार्ण इत्यादि के लक्ष्यों को समबद्ध तरीके से पूर्ण करवाएं।
उद्योग मंत्री ने सिडकुल अधिकारियों को बताई अपनी ड्रीम योजनाएं –
– ई0एम0सी – 2.0 के तहत एंकर युनिट लगाने के लिए समय बद्ध कार्यवाही करें।
– पटवाडांगर में फिल्म सिटी के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित कर वार्ता करें
– भीमताल में लेण्ड युज पॉलिसी को बदलने के लिए काम करें।
– मेडिकल डिवाइस पार्क हरिद्वार, फार्मा सिटी सेलाकुई फेस २ के अंतर्गत काम शुरू किया जाए।
– हरिद्वार में इनलैंड कंटेनर डिपो के लिए प्रस्ताव पर कार्यवाही।
ये हैं राज्य में स्थापित सिडकुल –
कोटद्वार – 10 एकड़।
हरिद्वार – 1695 एकड़।
सेलाकुई – 50 एकड़।
काशीपुर – 311 एकड़।
पंतनगर – 3234 एकड़ 85,000 को रोजगार
सितारगंज – 1763 एकड़
मदन नेगी औद्योगिक क्षेत्र, टिहरी – 27.89 एकड़