पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुस्तक उत्तरखंडियत पर चर्चा की

उत्तराखंड देहरादून मसूरी

मसूरी

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुस्तक मेरा जीवन लक्ष्य उत्तराखंडियत पर शहर के बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखको के साथ मसूरी के एक होटल के सभागार में चर्चा की गई। जिसमें साहित्यकारों ने पुस्तक के बारे में कहा कि हरीश रावत की पुस्तक उत्तराखंड के धरातल समाज, विकास, संस्कृति, आम जनजीवन से जुड़ी है। जिसमें विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
इस मौके पर पूर्व आईएएस विनोद शर्मा ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि हरीश रावत ने बहुत ही सरल ढंग से अपने पूरे जीवन के वृतांत को इस पुस्तक के माध्यम से समाज के सामने रखा है यहंी नहीं उन्हांेने इसमें पहाड की कठिन जीवन शैली, यहां के उत्पाद, प्रदेश के विकास व योजनाओं सहित कई जीवन की कई अनछुये संस्मरणों को जीवंत किया है। इस मौके पर पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने कहा कि मेरा जीवन लक्ष्य उत्तराखंडित पुस्तक का परिचय करने के लिए मसूरी के बुद्धिजीवियों, लेखकों पत्रकारों के साथ चर्चा की है। उन्होंने कहा िकइस पुस्तक में उत्तराखंडियत को प्रमुखता दी है। क्योंकि अगर हम उत्तराखंडियत आगे की यात्रा का माडल खडा नहीं करेंगे तो हम लगातार पिछडते जायेगें व छोटे राज्य बनाने की कल्पना सार्थक नहीं हो सकती। उन्होंने कहाकि इस पुस्तक में पहाड़ी अनाज, संस्कृति खान पान, कला, परिवेष, आभूषण, आदि सभी को रखने का प्रयास किया गया है। अगर सरकार ईमानदारी से चली होती तो मिलेट के हम पूरे देश के लीडर होते। जिस सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात की जाती है और इस परिवेश की रक्षा नहीं कर सकते तो इसका कोई लाभ नहीं। उन्होंने कहाकि अगर विरोधी हो हल्ला नहीं करेंगे तो मेरी लिखने की मेहनत बेकार नहीं हो जायेगी। इस मौके पर लेखक गणेश सैली, डा.सतीश एकांत, इतिहासकार जय प्रकाश उत्तराखंडी, वरिष्ठ पत्रकार शूरवीर सिंह भंडारी आदि ने भी पुस्तक की सराहना की व सुझाव भी दिए। इस मौके पर राज बिजलवाण, सुरभि अग्रवाल, तान्या सैली, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, भगवान सिंह धनाई, संदीप साहनी, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, सुनीला कुंडले, उपेद्र थापली, नागेद्र उनियाल, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस मोके पर उन्होंने अपनी पुस्तक का वितरण भी किया।

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