गाय के गोबर व स्थानीय जड़ी.बूटी से निर्मित हो रही ईको फे्रंडली गणेश जी की प्रतिमा

उत्तराखंड

मसूरी
धात्री स्वंय सहायता समूह नंदिनी बांडासारी ईको फें्रडली गणेश की प्रतिमा बनाने में जुटी है। यह प्रतिमा पहाड़ी गाय के गोबर व स्थानीय जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाई जा रही है।
मसूरी वन प्रभाग की भ्रदी गाड रेंज के धात्री स्वयं सहायता समूह नंदिनी बांडासारी में ईको फे्रडली गणेश की प्रतिमा बनाई जा रही है। गणेश चतुर्थी पर गणेश की पूजा ईको फे्रंडली गणेश प्रतिमा से की जाए। यह प्रतिमा घर पर भी रख सकते है। भद्री गाड रेंज की रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार से जोड़ने व महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए गांव की आठ लडकियों का समूह नंदिनी नाम से बनाया गया है। जिनके माध्यम से पहाड़ी गाय के गोबर व लोकल जड़ी बूटियों को मिलाकर गणेश की प्रतिमा बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए गोबर को गूंथा जाता है फिर सुखाया जाता है उसके बाद उसे पीसा जाता हैए स्थाीय जड़ी बूटियों के साथ फिर से गंूथा जाता है। और फिर सांचे में ढालकर प्रतिमा निर्मित की जाती है। प्रतिमा पर आकर्षक रंग-रोगन से सजावटी प्रतिमा बनायी जाती है।
रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने बताया कि उनका उददेश्य ग्रामीण बालिकाओं में कम उम्र में सीखने व अलग से पहचान बनाने के साथ ही उनमें आत्मविश्वास भरना, उनकी आर्थिकी को मजबूत कर आत्म निर्भर बनाना है। वहीं गणेश की प्रतिमा के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके लिए देहराूदन व हरिद्वार पर अधिक फोकस किया गया। वहां दुकानदारों व बड़े शो रूम वालों से बात की जा रही है इसके लिए देहराूदन में एक शो रूम ने स्टाॅल उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब त्योहारों का सीजन आ गया है। इसके मध्यनजर अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमांए भी बनाई जायेंगी।

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