मसूरी/जौनपुर
मसूरी के निकटवर्ती जौनपुर विकासखंड के देवी कोल में प्रथम नवरात्र पर भव्य कलश शोभायात्रा के साथ मां भद्रकाली की प्रतिमा पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ लाई गई। इस मौके पर मंदिर में पूजा अर्चना की गई व पांच दिन तक यहां पर पाठ चलेगा व उसके बाद मां भद्रकाली की प्रतिमा को अधिष्ठापित किया जायेगा।
देवी कोल में प्रथम नवरात्रे पर मां भद्रकाली के श्रद्धालुओं ने दो किमी की पैदल यात्रा कर मंदिर तक भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली जिसमें मां भद्रकाली की डोली व प्रतिमा को पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ लाया गया। मंदिर में मुख्य पुजारी ने मां भद्रकाली की पूजा अर्चना की। इस मौके पर मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रहमानंद बिजलवाण ने बताया कि हर वर्ष नवरात्रों के मौके पर मां भद्रकाली के मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है लेकिन इस बार मां भद्रकाली की नई प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किया जा रहा है जिसके तहत यहां पर पंाच दिन तक पाठ चलेगा व 11 अक्टूबर को मां भद्र काली की प्रतिमा अधिष्ठापित की जायेगी। व उसके बाद भंडारे का आयोजन किया जायेगा। मंदिर समिति के महासचिव नागेद्र सिंह राणा ने बताया कि पुरानी मां भद्रकाली की प्रतिमा खंडित हो गई थी जिस पर नई प्रतिमा लाई गई जिसकी प्राण प्रतिष्ठा के लिए पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें पूजा पाठ व हवन होगा तथा 11 अक्टूबर को प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। देवीकोल में मौजूद मंदिर समिति के अध्यक्ष जोध सिंह रावत ने कहा कि देवीकोल सिथत मां भद्रकाली का पूरे क्षेत्र में बड़ा महत्व है तथा जो यहां सच्चे मन से आता है उसे मां का आशीर्वाद मिलता है व मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि मूर्ति खंडित होने पर सभी श्रद्धालुओं के सहयोग ने नई प्रतिमा लाई गई जिसें पहले हरिद्वार गंगा स्नान के लिए ले जाया गया व वहां से भव्य शोभायात्रा के साथ मंदिर परिसर में लाया गया है। जिसकी पंाच दिन के पाठ के बाद 11 अक्टूबर को प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष दो बार यहंा मेला लगता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं वहीं उन्होंने मांग की कि मां सुरकंडा व नागटिब्बा की तर्ज पर इसे भी धार्मिक पर्यटन से जांेड़ा जाय। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।