उत्तराखंड में आफत की बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त, नदी नाले उफान पर, ऋषिकेश और हरिद्वार हाई अलर्ट पर

उत्तराखंड

देहरादून/मसूरी
उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। आसमान से बरस रही आफत की बारिश ने नदी के किनारे बसे गांव, शहर और कस्बों के लोगों में दहशत पैदा कर दी है। चमोली और रूद्रप्रयाग में हो रही बारिश से अलकनंदा का जलस्तर खतरे से उपर आ गया है। जिससे अलकनंदा नदी के के बीच में कल्यासौड  में अवस्थित सिद्वपीठ धारी देवी मंदिर तक नदी का पानी पहुंच गया है। उफनती अलकनंदा के बहाव ने श्रीकोट और श्रीनगर के लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी। अभी कुछ महीने पहले ग्लेशियर के टूटने और झील के बहाव ने जो तांडव मचाया था उसकी याद फिर से ताजा होने से लोग दहशत में है। श्रीनगर से अंशुल बहुगुणा और प्रदीप ने बताया कि अलकनंदा में जल स्तर निरंतर बढ़ रहा है। और नदी खतरे के निशाने उपर बह रही है। उधर दूसरी और उत्तरकाशी और टिहरी में जनपदों के उचाई वाले इलाकों में लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर है। उत्तरकाशी से युद्ववीर सिंह परमार ने बताया कि भागीरथ का जलस्तर बढ़ने लगा है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांव और कस्बों में अलर्ट जारी कर दिया है। यमुनाघाटी में हो रही बारिश से भी जनजीवन ठहर-सा गया है। वाहनों की आवाजाही में चैतरफा दिक्कतों को सामना करना पड रहा है। गनीमत यह है कि अभी चारधाम यात्रा शुरू नही हुई। इसलिए यात्रा मार्ग वाहनों को दबाव कम है। इधर पहाड़ों की रानी मसूरी में लगातार से हो रही बारिश से सैलानी तो खुश है। मगर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मेहनतकश मजदूर और खासकर भवन निर्माण से जुड़े मजदूरों की दुश्वारियां पहले ही कम न थी अब और बढ़ गई है। कोरोना काल से ़त्रस्त लोगों के सामने दुश्वारियां का मानो अंबार लग गया हो।

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