पर्यटन नगरी कृष्ण जन्मोत्सव में हर्षोल्लास व पारपंरिक रीति रिवाज के साथ मनाया गया

उत्तराखंड मसूरी

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भगवान कृष्ण जन्मोत्सव पर्यटन नगरी में हर्षोल्लास व पारपंरिक रीति रिवाज के साथ मनाया गया। इस मौके पर मंदिरों के विशेष सजावटें की गई व बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के दर्शन कर पुण्य कमाया व परिवार की कुशलता की कामना की।
भगवान कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्री सतनातन धर्म मंदिर लंढौर, श्री राधाकृष्ण मंदिर कुलड़ी, श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर किबाबघर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के दर्शन किए व परिवार की कुशलता की कामना की।इस मौके पर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया था व भगवान कृष्ण के जन्म से संबंधित झांकिया भी आकर्षण का केंद्र रही। मंदिरों में श्रद्धालुओं ने लडडू गोपाल को झुलाकर पुण्य कमाया। जन्माष्ठमी के मौके पर लोगों ने घरों में व्रत रखे व पूजा अर्चना की। वहीं देर रात को व्रत तोड़ कर विशेष पकवान परोसे गये। वही मंदिरों में देर रात्रि तक भजन कीर्तन का कार्यक्रम चलते रहे व बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव के साथ भजन कीर्तन का आनंद लिया व मध्य रात्रि को प्रसाद वितरण के साथ ही जन्मोत्सव कार्यक्रम संपन्न किया गया। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वर चंद हरित ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्ठी की बधाई दी व कहा कि मंदिर में पूरे उत्साह के साथ जन्म दिवस मनाया जा रहा है व सुबह से ही श्रद्धालुओं को तांता लगा रहा। वहीं रात को आठ बजे से बारह बजे तक संगीत व कथा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि आज के दिन भगवान कृष्ण का जन्म अवतरण है जिसके श्रद्धा स्वरूप उन्हंे याद किया जा रहा है। वहीं श्री राधाकृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी प. परशुराम भटट ने बताया कि पूरे विश्व में भगवान कष्ण की जन्माष्ठमी पूरे श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। राधकृष्ण मंदिर में ठाकुर भगवान कष्ृण स्वयं बिराजमान है। उनकी जन्माष्ठी पर सांय पांच बजे से मध्य रात्रि तक भजन कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है व जन्म होने पर श्रद्धालुओं को चरणामृत व प्रसाद वितरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में 24 अवतार हुए है जिनमें कृष्ण भी है। गोकुल में अवतार लिया तथा इस वर्ष इस पर्व का विशेष महत्व है व श्रद्धालु सुबह से ही बड़ी संख्या में दर्शन करने आ रहे हैं।

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