मसूरी।
उत्तराखंड में भू-कानून आंदोलन जोर पकड़ने लगा है। भले ही इस कानून की याद राजनीतिकों और आंदोलनकारी संगठनों को लंबे समय बाद आयाी है। राज्य गठन के बाद से ही ठोस भू-कानून बनाए जाने चाहिए थे। अब जब प्रदेश में भारी संख्या में बिल्डर्सो ने जमीनों पर अपना कब्जा कर दिया। ऐसे में अब भी वक्त है कि भू-कानून बने। खंडूरी सरकार में भूमाफियों पर शिकंजा कसने के लिए भू अध्यादेश लाया लाया गया था बाद में राज्य में इसका विरोध भी शुरू हो गया, जिस दल के नेता जन्तर मन्त्र पर धरना दे रहे हैं, उन्ही के तत्कालीन सी एम इस हटवा दिया , मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे जरूरी चीजों को नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी। जिससे पहाड़ी मूूल का व्यक्ति राज्य गठन के 20 साल बाद भी हांसिए पर खड़ा है। ऐसे में एक सश्क्त आंदोलन की जरूरत है।
मसूरी समाजसेवी मनीष गौनियाल के नेतृत्व में मालरोड पर विभिन्न स्थानों पर प्रदेश में भू कानून लाने के लिए आम जनता को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक किया। प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर मांग की कि यदि प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर भू कानून शीघ्र लागू नहीं किया गया तो आंदोलन किया जायेगा।
समाजसेवी मनीष गौनियाल ने नेतृत्व में नुक्कड़ नाटक की टीम ने लाइब्रेरी, शहीद स्थल व शहीद भगत सिंह चौक पर जनता को भू कानून लागू करने के लिए जागरूक किया। इस मौके पर दून घाटी रंगमंच के कलाकारों ने नुक्कड नाटक के माध्यम से भू कानून पर कराना प्रहार कर मंचन किया कि प्रदेश में किस तरह जमीनों की बाहरी लोग खरीद फरोख्त कर बड़े बडे़ एपार्टमेंट व रिजोर्ट बना रहे हैं। अगर यही चलता रहा तो आने वाले समय में उत्तराखंड की जनता के पास अपनी भूमि नहीं बचेगी व यहां की जमीनों पर बाहरी लोगों का कब्जा हो जायेगा। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनता को जागरूक किया गया कि अभी भी समय है अपनी जमीनें न बेचंे व भू कानून लागू करवाने में सहयोग करें। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने कहा कि प्रदेश में भू कानून जरूरी है। उत्तराख्ंाड का बेटा होने के नाते हमारा फर्ज है कि जिस तरह यहां की जमीनें बाहरी लोग खरीद रहे हैं ऐसे में हमारे पास कुछ नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लागू किया जाय। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी प्रदेश में भू कानून लाना चाहते थे लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस व भाजपा ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि भू कानून आने से ही हमारी जल जंगल व जमीन बचेगी। आज बाहरी लोग संपत्ति खरीद कर बड़े बडे पांच सितारा होटल व रिजोर्ट बना रहे हैं तथा जमीन बेचकर यहां के लोग वहीं नौकरी कर रहे हैं या उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उसके साथ ही यहां पर लगातार आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही है जिससे आने वाले समय में अपराध बढे़गे। यही कारण है कि सोशल मीडिया सहित उत्तराखंड के आम नागरिक विभिन्न माध्यमों से भू कानूल लाने के पक्ष में अपने विचार रख रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अगर प्रदेश सरकार भू कानून नहीं लायी तो आंदोलन किया जायेगा व कांग्रेस तथा भाजपा को सबक सिखाया जायेगा। इस मौके पर सूरज, विनोद कंडारी, निखिल, पदम सिह राणा,अनिल सिंह, कीर्ति कंडारी, अमन कंडारी, रोहित बत्र्वाल, विपिन, सौरव,अनुराग, शुभम, सोबन मेहरा, राजेंद्र कंडारी, अमित, अरूण, दीपक बडोनी, गुडडू पंवार सहित दून घाटी रंगमंच के बृजेंश नारायण, सुरमयि,गर्वित, नंदनी, अमित नेगी, आयुष, राहुल आदि थे।