मसूरी
नगर पालिका परिषद मे पर्यटन प्रभारी के पद पर कार्यरत विनोद कुमार के कथित जाली प्रमाण पत्रों पर नौकरी पाने की शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक सक्सेना ने अपर निदेशक शहरी विकास एव अधिशासी अधिकारी नगर पालिका मसूरी को लीगल नोटिस दिया है, जिसमें 15 दिनों के अंदर जांच कर विनोद कुमार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ेगा।
वरिष्ठ पत्रकार दीपक सक्सेना ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विनोद कुमार पुत्र रामचरण ने नगर पालिका में जाली मार्कशीट देकर नौकरी हासिल की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो शिक्षा के प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे व नेट से निकाले गये प्रमाण पत्रों में भिन्नता है। जिसकी जांच के लिए वर्ष 2019 से लगातार एसडीएम व अधिशासी अधिकारी नगर पालिका से जांच की मांग की जाती रही है। उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी का एक पत्र 8 अगस्त 2019 अपर सचिव द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें अवगत कराया गया कि वर्णित विनोद कुमार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को सही बताया। लेकिन 6 अपै्रल 2022 को उप सचिव माध्यममिक शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी ने एक पत्र जारी किया जिसमें अवगत कराया गया कि उनके कार्यालय से 8 अगस्त 2019 को कोई पत्र जारी नहीं किया गया। वहीं जिन विद्यालयों की विनोद कुमार ने हाई स्कूल की मार्कशीट ने अपनी नौकरी में प्रस्तुत की उसमें नेट वाली सही है यह वंशी बाजार इंटर कालेज नवा नगर बलिया से जारी की गई लेकिन मार्कशीट अनुक्रमांक 3757136 वर्ष 2010 उनके विद्यालय का है लेकिन जो अंक पत्र विनोद कुमार ने लगाया वह असत्य व गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। वहीं इंटर की मार्कशीट अनुक्रमांक 2129336 वर्ष 2012 जनता इंटर कालेज नवा नगर बलिया से जारी की गई वह भी गलत है क्यों कि विद्यालय के अभिलेखों में विनोद कुमार पुत्र रामचरण नाम से कोई भी छात्र पंजीकृत नहीं है। जिससे साफ जाहिर है कि उन्होंने जो अंकपत्र प्रस्तुत किया वह असत्य है। इसके बाद इस संबंध में एसडीएम व नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को पत्र पे्रषित कर जानकारी मांगी गई लेकिन किसी ने भी इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी। जिससे लगता है कि एसडीएम व अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। बार बार प्रयास करने पर भी जब विनोद कुमार के अंकपत्रों की जांच नही ंकी जा रही है वहीं उन्हें धमकाने व जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। दीपक सक्सेना ने अब लीगल नोटिस दिया है कि अगर 15 दिनों में विनोद कुमार के अंकपत्रों की जांच नही की जाती तो वह न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होंगे।
वरिष्ठ पत्रकार दीपक सक्सेना ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विनोद कुमार पुत्र रामचरण ने नगर पालिका में जाली मार्कशीट देकर नौकरी हासिल की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो शिक्षा के प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे व नेट से निकाले गये प्रमाण पत्रों में भिन्नता है। जिसकी जांच के लिए वर्ष 2019 से लगातार एसडीएम व अधिशासी अधिकारी नगर पालिका से जांच की मांग की जाती रही है। उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी का एक पत्र 8 अगस्त 2019 अपर सचिव द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें अवगत कराया गया कि वर्णित विनोद कुमार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को सही बताया। लेकिन 6 अपै्रल 2022 को उप सचिव माध्यममिक शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी ने एक पत्र जारी किया जिसमें अवगत कराया गया कि उनके कार्यालय से 8 अगस्त 2019 को कोई पत्र जारी नहीं किया गया। वहीं जिन विद्यालयों की विनोद कुमार ने हाई स्कूल की मार्कशीट ने अपनी नौकरी में प्रस्तुत की उसमें नेट वाली सही है यह वंशी बाजार इंटर कालेज नवा नगर बलिया से जारी की गई लेकिन मार्कशीट अनुक्रमांक 3757136 वर्ष 2010 उनके विद्यालय का है लेकिन जो अंक पत्र विनोद कुमार ने लगाया वह असत्य व गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। वहीं इंटर की मार्कशीट अनुक्रमांक 2129336 वर्ष 2012 जनता इंटर कालेज नवा नगर बलिया से जारी की गई वह भी गलत है क्यों कि विद्यालय के अभिलेखों में विनोद कुमार पुत्र रामचरण नाम से कोई भी छात्र पंजीकृत नहीं है। जिससे साफ जाहिर है कि उन्होंने जो अंकपत्र प्रस्तुत किया वह असत्य है। इसके बाद इस संबंध में एसडीएम व नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को पत्र पे्रषित कर जानकारी मांगी गई लेकिन किसी ने भी इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी। जिससे लगता है कि एसडीएम व अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। बार बार प्रयास करने पर भी जब विनोद कुमार के अंकपत्रों की जांच नही ंकी जा रही है वहीं उन्हें धमकाने व जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। दीपक सक्सेना ने अब लीगल नोटिस दिया है कि अगर 15 दिनों में विनोद कुमार के अंकपत्रों की जांच नही की जाती तो वह न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होंगे।