प्रो. हेमलता के.बनी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (समविश्वविद्यालय) कुलपति

उत्तराखंड शिक्षा

देहरादून

प्रोफेसर हेमलता के.को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (समविश्वविद्यालय) को कुलपति बनाया गया है। कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. डीएस मलिक ने बताया कि प्रो.हेमलता के. की नियुक्ति यूजीसी के मानकों के अनुरूप वरिष्ठता क्रम में हुई है। जब तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति नहीं होती, तब तक वह कुलपति पद के सभी दायित्वों का निर्वहन करेंगी।

बताते चलें कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की स्थापना 1902 में स्वामी श्रद्धानंद ने कांगड़ी गांव में की थी। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को 1962 में भारत सरकार द्वारा डीम्ड (Deemed) विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था। अभी तक विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर पुरुष ही आसीन होते रहे हैं।

कुलसचिव प्रो. डीएस मलिक ने बताया की स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) में पहली बार एक महिला को कुलपति का कार्यभार दिया गया है। प्रोफेसर हेमलता मदुरई (तमिलनाडु) की रहने वाली हैं। उन्होंने चेन्नई में यूजी और पीजी की है। साल 1997 में गुरुकुल कांगड़ी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। वह कन्या गुरुकुल परिसर, देहरादून में अंग्रेजी की प्रोफेसर के तौर पर कई दशकों से कार्यरत हैं।

आईक्यूएसी निदेशक प्रो. विवेक कुमार ने कहा कि प्रो. हेमलता भारत सरकार के नियमों व आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुरूप गुरुकुल कांगड़ी की तमाम व्यवस्थाओं को जारी रखेंगी। साल 1983 में उत्तर प्रदेश के समय ही वो यहां आ गई थी, तभी से उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। वहीं, वित्ताधिकारी प्रो. देवेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि समविश्वविद्यालय में महिला कुलपति बनने से एक सकारात्मक सोच उत्पन्न हो रही है। साथ ही प्रथम महिला कुलपति मिलने से आर्य समाज द्वारा स्थापित गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) को एक नया आयाम मिला है।

शिक्षक कर्मचारी यूनियन ने दी बधाई

शिक्षक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष प्रो. प्रभात कुमार और शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज ने प्रो. हेमलता के. को कुलपति बनने पर बधाई देते हुए कहा कि आर्य समाज के इतिहास में महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने जगह-जगह पर आर्य समाज की पाठशाला और शिक्षण संस्थान को खोला था।

प्रो. हेमलता के.पति शिव कुमार भारत सरकार में वैज्ञानिक पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बड़ा बेटा वैज्ञानिक और दूसरा बेटा अभियंता के पद पर कार्यरत है।

प्रो. हेमलता के. ने बताया कि गुरुकुल का उत्थान सभी महिलाएं मिलकर करेंगी, क्योंकि आधुनिक समय में पुरुष और महिला एक-दूसरे के पूरक हैं।

   
Spread the love