विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर एमपीजी काॅलेज में आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने पर्यावरणीय संकट में मीडिया की भूमिका पर व्यापक चर्चा की

मसूरी शिक्षा

मसूरी
दुनियाभर में पर्यावरण संकट को लेकर हो रही चर्चा में 2024 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर मीडिया से जुड़े लोगों ने इस पर व्यापक चर्चा की। और छात्र-छात्राओं को मीडिया की भूमिका से रूबरू करवाया। साथ ही भविष्य की चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर भी आगाह किया।
वल्र्ड प्रेस फ्रीडम डे पर मसूरी म्युनिस्पिल पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज में सेल्फ एंड सोशल डेवलपमेंट के द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर के छ़ात्राओं के अनिवार्य पाठ्यक्रम में शुमार विषय पर मौजूदा समय में पर्यावरणीय संकट और समाधान को लेकर नगर के प्रतिष्ठित पत्रकारों द्वारा कार्यशाला में व्याखान दिए गए। कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार अनमोल जैन, शूरवीर सिंह भंडारी और समाजसेवी निधि बहुगुणा ने वर्तमान समय में सा

माजिक और पर्यावरणीय सरोकारों को लेकर मीडिया की भूमिका पर गहन प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि आने वाला समय दुनियाभर में पारिस्थितकीय और पर्यावरणीय संकट के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण है। इसको लेकर समाज के हर तबके में चिंता होना लाजिमी है। इसके समाधान में छात्रों की हिस्सेदारी सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। अलबत्ता वक्ताओं ने दुनियाभर में मीडिया संस्थानों और मीडिया तंत्र के विभिन्न आयामों और पहलुओं की भी छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। जिज्ञासु छात्रों द्वारा पर सवाल किए गए। जो बेहद रूचिकर थे। प्रेस की आजादी को लेकर वक्ताओं के जुदा-जुदा राय थी। बावजूद अधिकांश वक्ताओं ने माना की भारत में भले ही प्रेस को अनौपचारिक रूप से चैथे स्तंभ के रूप देखा जाता है। तमाम मीडिया हाउसों की व्यवसायिक मजबूरियों के बाद भी आज भी जनपक्षीय पत्रकारिता ही समाज को आईना दिखा रही है। और समाज में व्याप्त हर किस्म के घटना और कुरीतियों पर अपनी पैनी नजर रखने के साथ ही समाधान टटोलने के लिए समाज को जाग्रत किए हुए है। कार्यशाला में काॅलेज के प्राचार्य प्रो अनिल सिंह चैहान ने वक्ताओं को स्वागत किया। और अपने उद्बोधन में पत्रकारिता के गौरवमयी इतिहास को भी छात्रों के सम्मुख पेश किया। कार्यक्रम का संचालन काॅलेज की प्रवक्ता डा रिया शर्मा और डा रूचि बडोनी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यशाला में काॅलेज के डॉ शालिनी गुप्ता, डॉ सुनील पंवार, डा आरपीएस चैहान, डा प्रमोद भारतीय, डा बीपी जोशी, डा अमिताभ भट्ट, जैसाली, डा शिप्रा शाह, डा तुषार कंडारी के अलावा छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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