मसूरी
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र में शहरी विकास, पहाड़ में सड़क, तकनीक युक्त सर्विस डिलीवरी, गुणवत्तापरक मानव संसाधन, स्वास्थ्य आदि विषयों पर चिंतन हुआ।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से शहरी विकास पर विचार रखे गए। इस अवसर पर उनके द्वारा भविष्य की आवश्यकता अनुसार न्यू टाउनशिप विकसित किए जाने एवं अफोर्डेबल हाउसिंग पर जानकारी दी गयी। जिस पर चर्चा करते हुए उपस्थित अधिकारियों द्वारा अपने सुझाव प्रस्तुत किये गए। शहरी विकास विभाग के निदेशक नवनीत पांडे ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट एवं अर्बन लोकल बॉडीज के रेवेन्यू किस तरह से बढ़ाए जाएं, इस पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया।
सचिव लोनिवि रमेश कुमार सुधांशु ने टनल एवं एलिवेटेड रोड को आज की जरूरत बताते हुए राज्य में टनल, एलिवेटेड रोड, ग्रीन तकनीक का सड़क एवं भवन निर्माण में इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी। बताया कि देहरादून में रिस्पना-बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड प्रस्तावित हैं जिसकी डीपीआर बनाने का कार्य गतिमान है। इसी तरह विधानसभा से मोहकमपुर तक एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि सड़कें किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए लाइफ लाइन का काम करती हैं। उनके प्रस्तुतिकरण पर तमाम अधिकारियों द्वारा अपने सुझाव प्रस्तुत किये गए।
सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी शैलेश बगोली ने तकनीक युक्त सर्विस डिलीवरी पर अपना प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि जनसामान्य के लिए चीजों को आसान किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य मे आईटीडीए की अहम भूमिका है।
सचिव शिक्षा रविनाथ रमन ने क्वालिटी ह्यूमन रिसोर्स डेवलोपमेन्ट पर अपना प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि वर्ष 2041 तक हमें स्कूल भवनों पर निवेश की जरूरत नहीं होगी। बल्कि हमें अपने शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। स्कूलों में ड्राप आउट रेट कम करने के लिए हमें चाइल्ड टू चाइल्ड मैपिंग करनी होगी ताकि इन बच्चों को स्कूलों तक वापस लाया जा सके। उन्होनें कहा कि हमारा फोकस शिक्षकों की कमी को दूर करने पर होना चाहिए। गुणवत्ता युक्त शिक्षक प्रशिक्षण के अलावा लाइब्रेरी और खेल मैदान के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने सभी डीएम की भूमिका को अहम बताया। ट्रांसफर नीति अभी मैन्युअल है जिस कारण इसमें अधिकारियों का काफी समय व्यय होता है। इस दिशा में हरियाणा की तर्ज पर नीति लायी जा रही हैं। बताया कि 72 स्कूल राज्य में ऐसे हैं जो कि वन क्षेत्र में चल रहे हैं। इनके लिए वन विभाग को बजट ट्रांसफर कर यहां बांस के स्ट्रक्चर बनाये जा सकते हैं। कई समाज सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर भी नए कार्य स्कूलों में किए जा रहे हैं। सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली ने हाईयर लर्निंग में वोकेशनल डिग्री कार्यक्रमों के इंट्रोडक्शन पर प्रस्तुतिकरण दिया। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि चालू शिक्षा सत्र में प्रदेश के स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़े हैं।