मसूरी
नगरपालिका बोर्ड में अराजकता का माहौल दिखाई दिया। ऐसा पहली बार हुआ जब बोर्ड रूम में कर्मचारी और सभासदों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और कर्मचारी बोर्ड रूम में ही धरने पर बैठ गए। बोर्ड की गरिमा को आघात पहुंचा। बल्कि लोकतंत्र के लिए इस किस्म की घटनाएं शर्मसार कर देने वाली है। इस घटना के बाद उच्च अधिकारी पालिका अधिशासी अधिकारी को तलब किए जाने की चर्चा भी जोरों पर रही। बोर्ड बैठक मे कर्मचारियों का धरना देना मंनुअल का उल्लंघन भी है
नगर पालिका परिषद के पर्यटन प्रभारी विनोद कुमार को हटाने के लिए पालिका सभासद पहले आमने सामने आ गये व काफी देर तक हंगामा होता रहा। इसके बाद पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने दोनों पक्षों के सभासदों को समझाने का प्रयास किया लेकिन तब तक नगर पालिका परिषद कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष महावीर राणा के नेतृत्व में सदन में घुस गये व पालिका परिषद व सभासदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे व सदन में धरना दे दिया। पालिका परिषद में हुए इस घटनाक्रम से बोर्ड की गरिमा बार तार तार हो गई। लेकिन बाद में फिर पालिकाध्यक्ष ने सभी सभासदों को बुलाया व उन्हें समझाने के बाद ही पालिका परिषद की बैठक शुरू हो सकी।
नगर पालिका बोर्ड बैठक में 66 प्रस्ताव रखे गये। जिसमें करीब 52 प्रस्ताव स्वीकृत किए गये। बोर्ड बैठक में नगर पालिका द्वारा रोपवे के लिए दी गई 4.25 एकड़ भूमि के हस्तातंरण के प्रस्ताव पर कहा गया कि पहले रोपवे में पालिका की हिस्सेदारी पर बात की जायेगी। गढवाल सभा के भवन पर बात होगी व पूर्व में पालिका के मजदूर आवास में रहने वाले मजदूरों के मामले में वाार्ता की जायेगी। उनको पहले पर्यटन विभाग किराया देता था उनका समाधान किस प्रकार होगा। इसके लिए पांच सदस्यीय समिति शासन से वार्ता करेगी। वहीं बैठक में कूड़ा निस्तारण करने पर जो दिशा निर्देश शासन से आये है, उसका मसूरी की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पूरा नही किया जा सकता इसे अगली बैठक में रखा जायेगा। शहर में कोई भी निर्माण के मलवे के लिए डंपिंग स्थल नही है। आईडीएच में मलवा डंपिंग स्थल बनाने का प्रस्ताव पास किया गया। जिसके लिए वन विभाग से एनओसी ली जायेगी। वहीं रोपवे के कार्य को देखते हुए लाइब्रेरी बस स्टैण्ड पर बनाये जा रहे वैंिडग जोन का कार्य रोक दिया गया है अब सभी वार्डो में वैडिंग जोन बनाये जायेगें। पूर्व सैनिकों जेसीओ व सैनिकों व उनकी विधवाओं के लिए भवन कर में छूट का प्रस्ताव भी पास किया गया। पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि पालिका सभासदों व पालिका कर्मचारियों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था उसे सुलझा लिया गया है। लंबे समय बाद बोर्ड बैठक हुई जिसमें आपस में नाराजगी थी वह भी दूर की गई। बैठक में रोपवे का किराया बढ़ाने पर चर्चा की गई जिसे शासन को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि पालिका एक परिवार है। छोटे मोटे विवाद होते रहते है।
बोर्ड बैठक में सभासद सुरेश थपलियाल, सरिता कोहली, सरिता पंवार, मनीषा खरोला, आरती अग्रवाल, प्रताप पंवार, जसोदा शर्मा, दर्शन रावत, गीता कुमाई, कुलदीप रौंछेला, नंद लाल, जसबीर कौर, पंकज खत्री सहित अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती, नगर अभियतंा रमेश बिष्ट आदि मौजूद रहे।
किसने क्या कहा
बोर्ड बैठक में पालिका पर्यटन प्रभारी के स्थानातंतरण पर हुए हंगामें ने पालिका की गरिमा को तार तार किया। इस पर सभासदों के दो पक्ष आमने सामने आ गये वहीं पालिका कर्मचारियों ने भी स्थानातंरण का विरोध किया व सदन में नारेबाजी के साथ धरने पर बैठ गये। पर्यटन प्रभारी विनोद कुमार ने कहा कि स्थानांतरण का कारण बताया जाय क्यों कि मालरोड पर प्रतिबंधित समय में वाहनों को रोकने के लिए ईओ के आदेश से कार्य किया गया है। विनोद कुमार ने कहा कि यदि उनके खिलाफ कोई अनियमितता है तो उसे बताया जा । इस मामले में नगर पालिका कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष महावीर राणा ने कहा कि सभासदों को कर्मचारियों से कोई नाता नहीं ह,ै अगर कर्मचारी की कोई गलती है तो अधिशासी अधिकारी के संज्ञान में लाना चाहिए यह न्याय संगत नही है क्यों कि उनका पांच बार स्थानांतरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पालिका कर्मचारी अध्यक्ष, सभासदों व अधिकारियों की कोई भी चैधराहट नहीं चलने देंगे। श्री राणा ने कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नही किया जाएगा। अगर उत्पीड़न हुआ तो उसका कड़ा विरोध किया जायेगा व बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया जायेगा। सभासद गीता कुमाई ने कहा कि बैरियर पर अनियमिततांए होती है यह सभी को पता है। उन्होंने कहा कि सभासद पालिका में जनता के हितों की रक्षा करने आये है। कुलड़ी में एक पार्किग के लिए वाहनों को छोड़ा जाता है, लेकिन अगर किसी को अस्पताल जाना है या अन्य किसी का कोई कार्य है, तो उसके वाहन नही जाने देते , इसका विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी ऐसी कोई सोच नही है लेकिन यहां पर अनुसूचित जाति का मामला उठाकर गलत किया गया जबकि हम इसमें विश्वास नही करते, जो पालिका सभागार में हुआ उसका अफसोस है ,अगर कोई गलत करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए । सभासद जसबीर कौर ने कहा कि बोर्ड की गरिमा आज की घटना से गिरी है कुछ सभासद पालिका कर्मचारी के समर्थन में आये है इसलिए उसका बार बार स्थानांतरण किया गया। सभासदों का भी मान सम्मान है लेकिन यह पहली बार हुआ जिसमें कर्मचारी समर्थन में आ गये व अनुसूचित जाति का मामला लाकर दबाव बनाने का प्रयास किया गया।