मसूरी
किंक्रेग में निर्माणाधीन पार्किंग सवालों के घेरे में हैं । सात साल से कछुवा गति से चल रहे काम को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं , धीमी रफ़्तार से काम के कारण इस सीजन में भी पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को जाम से जूझना पड़ा और भारी दिककत उठानी पड़ी। दो सौ आठ वाहनों की क्षमता वाली और बत्तीस करोड़ की लागत से बनने वाली इस पार्किंग का शिलान्यास सन 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था। जो कि छह साल बीतने पर भी नही बन पायी। ताजुब की बात यह भी हैं कि निर्माणाधीन स्थल से शिलान्यास पट भी गायब हो गया।
मसूरी को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए मसूरी में पार्किग निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है जिस पर किंक्रेग में 32 करोड़ की लागत से लोक निर्माण विभाग पार्किग का निर्माण करा रहा है। वर्ष 2015 में कार्य शुरू होने पर कहा गया था कि यह पार्किग तीन साल में पूरी हो जायेगी लेकिकन लगभग 6 साल बीतने के बाद भी यह पार्किंग आज तक नहीं बन पाई। जबकि इसके निर्माण पर गुणवत्ता के सवाल भी खडे़ हुए है। कुछ समय पूर्व इसका एक भाग भी टूट चुका है। इस पार्किंग को 3 साल मैं बनकर तैयार होना था लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी यह पार्किंग तैयार नहीं हो पाई है। मालूम हो कि पर्यटन नगरी मसूरी में पार्किंग का न होना सबसे बड़ी समस्या है और यहां आने वाले पर्यटकों को आए दिन जाम से जूझना पड़ता है साथ ही सड़कों के किनारे पर्यटकों के वाहन खड़े रहते हैं जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पार्किग को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि इतना लंबा समय गुजर जाने के बाद भी इस बार पाकिंग का निर्माण पूरा ना होना विभागीय अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है। इस संबंध में उन्होंने विभागीय मंत्री सतपाल महाराज को भी पत्र भेजा। और कहा कि पार्किंग की कमी को देखते हुए इसका जल्द से जल्द निर्माण किया जाना चाहिए। वहीं भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पटवाल ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक द्वारा प्रयास किए जाने के बाद ही इस पार्किंग की स्वीकृति प्रदान की गई थी साथ ही इसको लेकर उन्होंने लोक निर्माण विभागा के अधिकारियों से भी वार्ता की है ताकि पार्किग का निर्माण शीघ्र पूरा हो सके। पालिका सभासद प्रताप पवार ने कहा कि सात वर्ष बीत जाने के बाद ही इस पार्किंग का निर्माण कार्य पूरा ना होने से इसका खामियाजा पर्यटकों के साथ ही आम लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इसके लिए दोषी मानते हुए कहा कि प्रदेश में किस प्रकार से अफसरशाही हावी हो रही है इसका या जीतता जागता प्रमाण है।