आकाशीय बिजली गिरने के कारण मौतें

दुनिया देश
NEW DELHI

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के माध्यम से, नियमित अपडेटस् के साथ पांच दिन पहले गर्ज के साथ तूफान और संबंधित मौसम घटनाओं के लिए पूर्वानुमान और चेतावनियां जारी करता है।

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान, ने अत्यंत सटीकता के साथ आकाशीय बिजली गिरने का पता लगाने और उसका स्‍थान निर्धारित करने के लिए देश में 83 स्थानों पर रणनीतिक रूप से संस्थापित एक आकाशीय बिजली अवस्थिति नेटवर्क स्थापित किया है। आईआईटीएम में स्थित इस नेटवर्क का सेंट्रल प्रोसेसर, नेटवर्क से सिग्नल को प्राप्त करता है और संसाधित करता है और 500 मीटर से कम सटीकता के साथ आकाशीय बिजली गिरने के स्थान की पहचान करता है। इस नेटवर्क के आउटपुट को आईएमडी और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा किया जाता है और इसका उपयोग तत्‍काल पूर्वानुमान उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

आईएमडी में राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र से, ये पूर्वानुमान और चेतावनियां मौसम संबंधी उप-मंडलीय पैमाने पर दी जाती हैं जबकि राज्य मौसम विज्ञान केंद्र जिला स्तर पर इसे जारी करते हैं। इसके अतिरिक्‍त, राज्य मौसम विज्ञान केंद्रों द्वारा स्थान/जिला स्तर पर गर्ज के साथ तूफान और संबंधित आपदाकारी मौसम की घटनाओं को तत्‍काल पूर्वानुमान (हर 3 घंटे में अगले 3 घंटों के लिए पूर्वानुमान जारी) द्वारा कवर किया जाता है। वर्तमान में यह सुविधा सभी जिलों में और देश भर के लगभग 1084 केन्‍द्रों पर दी गई है।

2020 में, आईआईटीएम-पुणे द्वारा दामिनी आकाशीय बिजली ऐप विकसित किया गया था। यह ऐप भारत में होने वाली आकाशीय बिजली की सभी गतिविधियों की निगरानी कर रहा है तथा 20KM और 40KM के दायरे में जीपीएस अधिसूचना द्वारा उस व्यक्ति को सचेत करता है जिसके पास आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। आकाशीय बिजली की संभावना वाले क्षेत्र में होने पर, निर्देशों, सावधानियों का विस्तृत विवरण मोबाइल ऐप में दिया गया है। यह अगले 40 मिनट के लिए मान्‍य किसी स्थान पर आकाशीय बिजली की चेतावनी भी प्रदान करता है। भारत में दामिनी ऐप के 5 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं।

उपर्युक्त के अतिरिक्‍त, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने संबंधित मुद्दों में शमन कार्रवाई के लिए प्रभावी उपाय किए हैं। एनडीएमए ने 2018-2019 में गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजली/आंधी और तेज हवाओं के संबंध में कार्य योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और सभी राज्य सरकारों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को भेज दिए हैं तथा एनडीएमए की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं।

इसके अतिरिक्‍त, एनडीएमए ने निम्नलिखित पहलें की हैं:

  • एनडीएमए ने राज्य सरकारों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजली के संबंध में, क्या करें और क्या न करें, के लिए विशिष्ट परामर्शिकाएं जारी की।
  • एनडीएमए ने सर्वाधिक प्रभावित राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजली के संबंध में तैयारी और शमन उपायों की समीक्षा की।
  • गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजलीके संबंध में पूर्व चेतावनी प्रसारण के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित करना,
  • एनडीएमए ने गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजलीके संबंध मेंआईईसी सामग्री जैसे टीवीसी, पॉकेट बुक्स में “क्या करें” और “क्या न करें”, ऑडियो-विजुअल्स तैयार किए।
  • दूरदर्शन पर ‘आपदा का सामना’ शो पर विशेष पैनल चर्चा (टीवी बहस)।
  • दूरदर्शन और आकाशवाणी – एनडीएमए ने उत्तर पूर्वी राज्यों और पश्चिम बंगाल सहित आपदा संभावित राज्यों में अप्रैल 2021 के दौरान ‘गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजली’ के संबंध में जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए टीवी (दूरदर्शन) और रेडियो (आकाशवाणी) के माध्यम से अभियान चलाया है।
  • एनडीएमए द्वारा गर्ज के साथ तूफान और आकाशीय बिजली के संबंध में सोशल मीडिया अभियान चलाया जा रहा है। “क्या करें” और “क्या न करें” एनडीएमए के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे हैं तथा ट्विटर और फेसबुक पर लगातार वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं।

यह जानकारी आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा में दी।

Spread the love