पीएम मोदी ने शहीदों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं- डॉ. जितेंद्र सिंह

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NEW DELHI

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने  कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले नौ वर्षों में शहीदों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और पिछली सरकारों के विपरीत, उनके नेतृत्व वाली सरकार सशस्त्र बलों तथा शहीदों के कल्याण के बारे में बेहद संवेदनशील और चिंतित है।

उन्होंने कहा कि कोई भी अन्य सरकार शहीदों के परिवारों की देखभाल के लिए इतने सारे लाभ और कल्याणकारी उपाय नहीं लेकर आई है, जितने पिछले नौ वर्षों में शुरू किये गए हैं।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “हालांकि बहुमूल्य जीवन की क्षति परिवार और राष्ट्र के लिए अपूरणीय है, सरकार शहीदों के परिवारों के कल्याण के लिए बहुत संवेदनशील है और इस जिम्मेदारी को अत्यधिक सावधानी और चिंता के साथ निभाती है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में कर्नल नारायण सिंह (ओबीई) के नाम पर शहीद गेट (शहीद की याद में गेट) का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार शहीद जवानों के परिजनों को 25 से 45 लाख रुपये का अनुग्रह भुगतान प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, सेना केंद्रीय कल्याण कोष द्वारा अनुग्रह राशि के रूप में 8,00,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। राज्य सरकारें भी अपने प्रावधानों के अनुसार अनुग्रह राशि प्रदान करती हैं। यह उदारीकृत पारिवारिक पेंशन और नियमित सेवा लाभों के अलावा है।

उन्होंने कहा, अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उसके परिजनों को एक 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलेगी।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कल्याणकारी उपायों में नौकरियों में आरक्षण और आश्रित बच्चों की विभिन्न शिक्षा आवश्यकताओं के लिए उनके परिवारों को वित्तीय सहायता और छात्रवृत्तियां शामिल हैं।

मंत्री ने कहा, भारत सरकार द्वारा नामित रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कुल 42 एमबीबीएस सीटें और बीडीएस पाठ्यक्रमों में 3 सीटें आवंटित की जाती हैं। इसके लिए कार्रवाई के दौरान शहीद हुए जवानों के आश्रितों को प्राथमिकता दी जाती है।

सीपीएसई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भी नौकरियों में आरक्षण प्रदान किया गया है। सफल आउटलेट दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में सेवा के दौरान दिवंगत हुए सेवा कर्मियों की विधवाओं/आश्रितों/पूर्व सैनिकों को प्रदान किए जाते हैं।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने रक्षा कर्मियों के लिए एलपीजी वितरक और पेट्रोल/डीजल खुदरा दुकानों के आवंटन के लिए 8% कोटा आरक्षित किया है, जिसमें युद्ध में मारे गए सशस्त्र बलों के सदस्यों की विधवाएं, आश्रित भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध विधवाओं को रेल यात्रा रियायत पहचान पत्र भी जारी किए जाते हैं।

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘एक ईंट शहीद के नाम’ संस्था के आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि हम अपनी सुरक्षित सीमाओं का श्रेय अपने सशस्त्र बलों के सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को देते हैं।

उन्होंने कहा, “हम सभी, देश के नागरिक, उन वीर सैनिकों की बदौलत शांति से अपना दैनिक जीवन जीने में सक्षम हैं, जो पूरे साल 24×7 हमारी सीमाओं की बहादुरी से रक्षा करते हैं।”

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में भारी गिरावट आई है और पिछले नौ वर्षों के दौरान, खासकर अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से चार वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी हिंसा में कमी आई है। लेकिन हाल के दिनों में छिटपुट गोलीबारी की घटनाएं और एलओसी के पार लगातार घुसपैठ की कोशिशें साबित करती हैं कि हम पाकिस्तान और उसके अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों से होने वाली शरारतों के खिलाफ सतर्कता कम नहीं कर सकते।

मंत्री ने कहा, “2014 में पीएम मोदी के कार्यभार संभालने के बाद से भारत की कार्यप्रणाली बदल गयी। पहले सितंबर 2016 में भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और बाद में फरवरी 2019 में भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट हवाई हमले ने सीमा पार एक स्पष्ट संकेत भेजा कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवादी हमले को सख्ती से निपटा जाएगा।”

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