हिमवंत कवि चंद्रकुवर बर्त्वाल की पुण्य तिथि पर भावपूर्ण स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित

मसूरी साहित्य

मसूरी। चंद्रकुंवर बर्त्वाल शोध संस्थान मसूरी शाखा ने मालरोड पर स्थित चंद्रकुंवर बर्त्वाल की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया,  जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, एसपी चमोली सहित मौजूद जनप्रतिनिधियों, साहित्यकारों, सामाजिक व मजदूर संगठनों के, प्रतिनिधियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।मसूरी गर्ल्स कॉलेज में लगी कविवर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी
इस मौके पर चंद्रकुंवर बत्र्वाल शोध संस्थान मसूरी शाखा के अध्यक्ष शूरवीर सिंह भंडारी ने कहा कि कवि चंद्रकुंवर बत्र्वाल पहाड़ के कालीदास व पश्चिम के कीटस व सैली थे। उन्होेने पहाड पर सात सौ कविताएं लिखी जिस कारण उन्हें हिमवंत कवि कहा जाता है। प्रकृति का अप्रितम कवि कहा जाता है। इस मौके पर उन्हांेने डा. योगबंर सिंह बत्र्वाल, ओपी द्विवेदी, शंभू प्रसाद बहुगुणा, बुद्धि बल्लभ थपलियाल को विशेष रूप से याद किया जिन्होंने उनके काव्य संसार को आगे बढाया। उन्होंने हिंदी साहित्य को इतना धन दिया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने बहुत कम समय में विराट साहित्य का सृजन किया। अब प्राथमिक से लेकर डिग्री कालेजों तक चंद्रकुवर बत्र्वाल की कविताओं को पाठय क्रम में शामिल करवाने का कार्य संस्थान ने किया। उनकी पीठ भी बनाई जानी थी लेकिन अभी तक नहीं बनी इसका प्रयास किया जायेगा। उन्होंने हिंदी को बढावा देने के लिए प्रयास करने व सरकार को इस ओर ध्यान देने की भी बात कही। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह उत्तराखंड के महान कवि थे उन्हें याद किया जाना चाहिए ताकि उनकी रचनाओं से सीख मिल सके। उन्होंने हिंदी पर कहा कि अधिक से अधिक हिंदी में सरकारी कार्य होने चाहिए ताकि हिंदी को आगे बढने का अवसर मिल सके। पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने कहा कि चंद्रकुवर बत्र्वाल का साहित्य मार्मिक व प्रकृति सेे ओतप्रोत होने के साथ ही आम जन से जुडा है। इस मौके पर उन्होंने डा. योगबंर बत्र्वाल को भी याद किया कि उन्होंने चंद्रकुवर बत्र्वाल को आम जनतक पहुचाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा की जननी संस्कृत है लेकिन आज हिंदी दिवस को बडे स्तर पर मनाना चाहिए ताकि वह आगे बढ सके। सरकारी विभागों में हिंदी का कोष बना है लेकिन वह अभी तक प्रचलन में नहीं आयी। जरूरत इस बात की है कि देश के स्तर पर हिंदी दिवस बडे स्तर पर मनाना चाहिए। इस मौके पर हिमालयन साहसिक संस्थान के अध्यक्ष एसपी चमोली, शहर कांगे्रस अध्यक्ष अमित गुप्ता, आम आदमी पार्टी के प्रकाश राणा, संस्थान के मसूरी सचिव नरेंद्र पडियार, होटल एसोसियेशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल, देवी गोदियाल, इतिहासकार जय प्रकाश उत्तराखंडी, अनिल गोदियाल, लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार अनमोल जैन, राजेंद्र रावत, प्रवीण पंवार, मोहसिन खान, आशीष भटट, बिजेंद्र पुंडीर, धमेद्र धाकड़, उपेद्र लेखवार, प्रवीण पंवार, नरेश नौटियाल, अजीत कुमार, राजवीर रौंछेला, भाजपा महिला मोर्चा महानगर उपाध्यक्ष पुष्पा पडियार, मसूरी व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, बीना गुनसोला, पुष्पा पुंडीर, कविता भंडारी, कमलेश भंडारी, रीता खुल्लर, नमिता कुमाई, विजयलक्ष्मी काला, मंजू चैहान, प्रभा बत्र्वाल, राधा आनंद, राजेश्वरी नेगी, अनीता सक्सेना, गंभीर पंवार, तनमीत खालसा, अरविंद सोनकर, श्रीपति कंडारी,  विजय रमोला, अब्बास खान, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंतं में हाल की में दिवंगत हुए चंद्रकुवंर बत्र्वाल शोध संस्थान के केंद्रीय सचिव डा योगंबर सिंह बत्र्वाल को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया।

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