खबर का असर-क्लिफ कॅाटेज का होगा मानचित्र निरस्त, गैर वानिकी कार्य होने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा- कहकंशा नसीम

अपराध मसूरी

मसूरी

क्लिफ काटेज में अवैध तरीके से जंगल का पातन कर बन रही रोड का लगातार विरोध होने पर वन संरक्षक यमुनावृत्त कहकशां नसीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। कहा कि क्लिफ काटेज में विभाग की ओर से पुराने मार्ग के जीर्णोद्धार की एनओसी दी गई थी, उसे निरस्त कर दिया जाएगा। और भविष्य में किसी भी प्रकार के गैर वानिकी कार्य करने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
बता दें कि बीते दिन द हिल्स आफ मसूरी समेत कुछ अखबारनवीसों ने अवैध रूप से पेड़ों के पातन के बावत समाचार प्रकाशित की थी। इसका  वन विभाग के आला अधिकारियों ने संज्ञान लिया। और मौके पर निरीक्षण के लिए कंजेरवेटर कहकंशा नसीम को भेजकर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इस पर वन संरक्षक कहकंशा नसीम ने स्थलीय निरीक्षण के बाद पत्रकारों को बताया कि पूर्व में जारी मानचित्र को अस्वीकृत किया जाएगा। और गहन छानबीन तक मौके पर किसी भी किस्म का निर्माण नही किया जाएगा। ऐसा करने पर भूखंड स्वामियांे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बतातें चले कि उक्त भूखंड पर पेड़ों को नुकसान पहुंचाने और मानकों के विपरीत कार्य किए जाने की शिकायत की गई।
दिलचस्प बात यह है कि जब मौजूदा कंजेरवेटर कहकंशा नसीम डीफओ थी उसी दौरान एनओसी जारी की गई थी। उन्ळोंने माना कि मौके पर रोड बनाने में काफी पेंड़ों की क्षति की गई है, पुश्ते भी अधिक लगाये गये व पूरा सर्वे करने के बाद रोडो की नपाई की गई है व वन विभाग की ओर से जुर्माना व अन्य वैधानिक कार्यवाही की जायेगी व एमडीडीए व नगर पालिका से भी वन विभाग कार्यवाही करने को कहेगा व राज्य व शासन में उच्चाधिकारियों के संज्ञान में भी इस मामले को लाया जायेगा और जो भी रिपोर्ट बनेगी वह भी प्रेषित की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि एनओसी को कैंसिल करने की कार्रवाई की जायेगी व कार्य बंद करा दिया गया है उसके बाद उलंघन होने पर एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। मौके पर मौजूद शिकायत कर्ता और समाज सेवी ललित मोहन काला ने कहा कि उनकी शिकायत के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर आये जिससे लगता है कि सकारात्मक कार्यवाही होगी। वहीं कंजरवेटर से वार्ता की गई व साथ ही कहा कि अगर इसमें उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वह न्यायालय की शरण में जायंेगे। इस मौके पर एसडीओ डा. उदय गौड, नगर पालिका टीएस विनय प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।

क्लिफ कॉटेज में घने जंगल के बीच बन रही सडक को लेकर इन दिनों शहर में खासी चर्चा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घने जंगल के बीच सड़क का निर्माण पेड़ों का पातन कर किया जाना संदेह पैदा कर रहा है। जबकि नगर पालिका ने उक्त संपत्ति पर रोड दिखा रखी है’ जबकि वहा जाने का पुराना मार्ग पगडंडी वाला था वह भी हेम्पटन कोर्ट से था जबकि यह मार्ग एनएच 707ए से पहाड़ व पेडों को काट कर बनाया जा रहा है। जिसका पर्यावरण विदों व स्थानीय नागरिकों द्वारा विरोध किया जा रहा है। अगर मसूरी में पेडो का पातन व पहाड का कटान ऐसे ही होता रहा तो मसूरी का मौसम प्रभावित होगा। लोगों की शिकायत पर मसूरी वन प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया व कार्य को फिलहाल बंद करवा दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो पुराना नक्शा दिखाया है वह सत्यापित नहीं है व मूल नक्शा न होकर फोटो कापी है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त स्थल में पूर्व में पेड़ो की गिनती की गई थी व रोड बनाने के दौरान अब एक बार फिर से पेडों की गिनती करवायी जायेगी तभी अवैध पातन का पता चल सकेगा। पहाड़ों की रानी मसूरी में अवैध निर्माण और जंगलों के कटान के मामले काफी संख्या में बढ़ गए हैं जिसको लेकर पर्यावरणविद चिंता जाता रहे है। उनका कहना है कि जल्द अगर मसूरी में निर्माण की आई बाढ़ और पेड़ों की काटने की मामलों को नहीं रोका गया तो मसूरी जल्द कंक्रीट में तब्दील हो जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन काला ने कहा कि मसूरी क्लिप कॉटेज हुसैन गंज के पास भूस्वामी द्वारा सभी नियमों को ताक पर रख कर हरेभरे घने जंगल और पेडों का काटान कर सडक का निर्माण कर रहा है जबकि पूर्व में वन विभाग द्वारा उनकी षिकायत पर कार्यवाही कर काम को रूकवा दिया था। उन्होने कहा कि मसूरी क्लिप कॉटेज से कोई भी रास्ता काटेज से मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग से नही जाता। परन्तु वर्तमान में भूस्वामी द्वारा घने जगल और पेडों को नुकसान पहुचा कर करीब 3 मीटर चैडी और 200 मीटर लम्बी सडक का निर्माण किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबध में पर्यावरणविद विपिन गुप्ता ने कहा कि उक्त क्षेत्र घना जंगल था वहां पर पूर्व में हैंपटन कोर्ट के बच्चों के माध्यम से बड़ी संख्या में पेड़ लगाये गये थे जो बड़े हो गये थे लेकिन बिल्डर ने उन पर आरी चलवा दी कुछ पेड़ सुखाये जा रहे हैं। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्य सचिव उत्तराखंड को भी की है वहीं मसूरी वन प्रभाग को भी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि एनएच से कभी उक्त संपत्ति पर जाने की रोड थी ही नहीं जबकि नगर पालिका ने फर्जी तरीके से 304 मीटर रोड दिखा कर एनओसी दी व उसी को आधार पर तत्कालीन डीएफओ कहकशां नसीम ने भी एनओसी दी थी। उन्होंने कहा कि रोड बनाने में पेड़ों के कटान से पर्यावरण प्रभावित होगा जिसे बर्दास्त नही किया जायेगा।

 

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