पहाड़ों की रानी पर्यटकों से हुई गुलजार, जाम के झाम से भी होना पड़ा दो-चार

मसूरी

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पर्यटन नगरी मसूरी में सैलानियों का सैलाब उमड़ा। कोरोना की दहशत को दरकिनार से पर्यटकों ने देर रात तक मालरोड़ पर चहलकदमी की। सैलानियों की आवाजाही बढ़ने से होटल व्यवसायियों के चेहरे खिल गए है। लंबे समय से पर्यटकों की इंतजार में पलक-पावड़े बिछाए और आर्थिक बदहाली से गुजर र

हे होटल व्यापारियों ने राहत की संास ली। वही नगर में चारों और जाम के झाम से सैलानियों को दो-चार होना पड़ा। कोविड कफर्यू के चलते बंद पड़े रेस्तरांओं के कारण ढ़ाबा और चाय-आॅमलेट से ही गुजारा करना पड़ रहा है।
बता दें कि मसूरी में वीकऐंड पर खूब भीड़ उमड़ी। सुबह से लेकर रात तक सैलानियों का आवागमन बना रहा। अलबत्ता होटलों में आरटीपीसीआर और एंटीजन रिपोर्ट मांगने पर कई पर्यटकों को उलटे पांव लौटना पड़ा। नगर में सैलानियों की आमद बढ़ने से पुलिस प्रशासन के लिए जाम से निजात दिलाना चुनौती बन गया। पिक्चर पैलेस से लेकर लाइब्रेरी बाजार तक मालरोड पर जगह-जगह पर्यटक वाहनों के खड़े होने से यातायात व्यवस्था चरमराई। अलबत्ता देश के विभिन्न राज्यों से आए सैलानियों ने खुशनुमा मौसम का लत्फ उठाया। बकौल संजय अग्रवाल महामंत्री मसूरी होटल एसोसियेशन शनिवार को नगर में 70 फीसदी से अधिक होटल खुल गए और अधिकांश होटलों की आॅकोपेसी शत-प्रतिशत आॅकोपेंसी है। चरमराती यातायात व्यवस्था को ढ़र्रे पर लाने के लिए पुलिस बल की कमी दिखाई पड़ी। चैक-चैराहों पर इक्के-दुक्के पुलिस कर्मी ही दिखाई दिए। हाल ही डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों के तबादले हुए है। मगर पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत ने बताया कि मसूरी में भीड़ उमडना प्रत्याशित था। इसलिए मसूरी-देहरादून मार्ग से लेकर नगर में पुलिस फोर्स पर्याप्त संख्या में तैनात कर दी गई है। जिससे यातायात के साथ ही कानून-व्यवस्था भी चुस्त-दुरूस्त रहे। और पर्यटक को कोविड नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जा सकें।

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