मसूरी। सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के तहत आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश अग्रवाल ने एमडीडीए पर आरोप लगाया कि उनकी मिली भगत से मसूरी में अवैध निर्माण जोरों पर हो रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने मालरोड स्थित एक होटल के आवासीय परिसर के बारे में बताया कि वहां पर होटल स्वामी को व्यावसायिक निर्माण की अनुमति दी गई है।
कुलड़ी स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में आरटीआई एक्टिविस्ट व आरटीआई क्लब उत्तराख्ंाड के संयोेजक राकेश अग्रवाल ने कहा कि मालरोड स्थित एक होटल होटल के आवासीय परिसर में होटल बनाने की अनुमति दी है जिसकी जानकारी आरटीआई के तहत विभाग से मांगी तो उन्होंने गुमराह किया व सूचना नहीं दी। इस घोटाले में नगर पालिका एमडीडीए व वन विभाग ने बड़ा घोटाला किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में नगर पालिका से सूचना मांगी थी कि जिसमें प्लिंथ के बारे में जानकारी मांगी थी कि होटल का प्लिंथ कितना है व होटल व आउट हाउस व च्वाइस काटेज का कितना है लेकिन वर्ष 2014 में प्लिंथ बदल दी गई व होटल मालिक को सर्टिफिकेट मांगा गया तो सूचना में पता चला कि सेलडीड में च्वाइस काटेज आउट हाउस घरेलू है व होटल व्यावसायिक है उन्होंने होटल के चार पार्ट ए,बी,सी,डी ब्लाक दिखाये व चार नक्शे व्यावसायिक पास कर दिए। सूचना इस लिए मांगी कि प्रशासन इस पर कार्रवाई करे। जब यहां पर व्यावसायिक पर यहा प्रतिबंध लगा है व आम आदमी को दो कमरे बनाने की इजाजत नहीं दी जाती तो व्यवसायिक नक्शे कैसे पास किए गये। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कार्रवाई नही की गई तो वह एमडीडीए के खिलाफ धरना देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मसूरी में अधिकतर आवासीय नक्शे पास किए गये उसमें होटल बन गये हैं यह कैसे हो गया इसकी जांच होनी चाहिए। उन्हांेने यह भी बताया कि जो नक्शा वर्ष 11-12 में दिया था वहीं नक्शा नये निर्माण में लगा दिया जबकि नये कानून के हिसाब से रोड से नीचे निर्माण हो सकता है। वहीं उन्होंने घरेलू नक्शे पास कर व्यावसायिक निर्माण कर दिया है। जो कि अवैध है। इन सभी के साक्ष्य उनके पास है जबकि एमडीडीए तथ्यों को छिपा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री व आयुक्त गढवाल को भी पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है।