युवा लेखक शुभ विश्नोई की पुस्तक ग्रेसियस जेस्चर का लोकार्पण्

मसूरी शिक्षा साहित्य

मसूरी। युवा लेखक शुभ बिश्नोई की विभिन्न विषयों पर लिखी छोटी कहानियांे पर आधारित पुस्तक ग्रेसियस जेस्चर का लोकार्पण होटल फर्न ब्रेंटवुड के सभागार में राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
युवा लेखक शुभ बिश्नोई की पुस्तक के लोकार्पण पर बतौर मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने कहाकि उन्होंने छोटी उम्र में लेखन का कार्य शुरू करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है जो कि युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दी व कहा कि उन्होंने पुस्तक में विभिन्न छोटी छोटी कहानियां लिख कर समाज को संदेश देने का कार्य किया है। इस मौके पर लेखक शुभ विश्नोई ने कहा कि उन्होंने पुस्तक में समाज सेे जुड़ेे विभिन्न समस्याओं को उठाने का प्रयास किया कि उन्हें समाज में किस तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं ताकि युवा प्रेरित हो। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में 11 कहानियां है जिसे सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिसमें पलायन, संयुक्त परिवार, एकल परिवार, एकल अभिभावक, ओल्ड ऐस होम, पोस्ट मास्टर आदि कहानिंया है जिसमें उनसे जुड़ी समस्याओं को सरलता से रखने का प्रयास किया गया है। युवाओं के लिए हैप्पीनेस पर कहानी लिखी जिसमें युवाओं में बढ रहे नशे की लत, डिप्रेशन, आदि है व इसमें युवाओं को खुश रहने के बारे में बताया गया है कि किस तरह से वह अपने बारे में सोचते है, उन्हें समाज से किस तरह जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुस्तक में उन्होंने अपनी संस्था के कार्याें के बारे में भी लिखा व प्रयास किया कि जो समाज में अच्छा कार्य करते हुै उन्हंे याद नहीं रखा जाता, पुस्तक में उनके बारे में भी लिखा गया है।
लोकार्पण समारोह में वन विभाग के सीसीएफएफ आरके मिश्रा नेे भी अपने विचार व्यक्त किये व कहा कि शुभ को पर्यावरण, वनों व उससे जुडे विषयों पर भी पुस्तक लिखनी चाहिए, और  समाज जागरूक हो सके। कार्यक्रम में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पुष्पा पडियार ने भी विचार रखे। वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कार्यक्रम ने वर्चुअल से संदेश दिया। इस मौके पर बाल विकास अधिकारी निकिता सिंह, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन मल्ल, मुकेश लाल, भारत भूषण, राकेश अग्रवाल, संजय बिश्नोई, रजत अग्रवाल, गीता कुमांई, सतीश ढौडियाल, नरेंद्र पडियार, जगजीत कुकरेजा, डा अर्चना त्रिपाठी, संदीप साहनी, रजत कपूर, डा. अंतिम विश्नोई, शगुन विश्नोई, सार्थक रौतेला, श्रेयश शुक्तला सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।

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