देहरादून/मसूरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल ले.ज. से.नि. गुरमीत सिंह द्वारा स्वीकृति प्रदान किये जाने पर प्रसन्न्ता व्यक्त की है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल का आभार भी व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। राज्य आन्दोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे है। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य आन्दोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल जी को भेजा गया था, जिसपर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इससे राज्य आन्दोलनकारियों की एक बड़ी लम्बित मांग की भी पूर्ति हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आन्दोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच
प्रदेश प्रवक्ता -प्रदीप कुकरेती ने कहा कि हम सभी पिछले 11-वर्षों से संघर्षरत थे। अधिनियम हस्ताक्षर होने पर माननीय मुख्यमन्त्री व राज्यपाल के द्वारा हमारे सभी राज्य आंदोलनकारी परिजनों के लियॆ रक्षा बन्धन का उपहार हैं।
प्रदेश अध्यक्ष – जगमोहन सिंह नेगी
यें सभी राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष का परिणाम हैं। इस अधिनियम के हस्ताक्षर होने से 10-हजार राज्य आंदोलनकारी परिवारों को लाभ मिलेगा।
केशव उनियाल – 10% क्षैतिज आरक्षण एक्ट पर आरक्षण होने के लियॆ हमारे सभी राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष का परिणाम हैं। अब जल्द सभी भर्तियों हेतु शासनादेश जारी हो जाएं।
द्वारिका बिष्ट – हमारा संघर्ष रंग लाया यें माननीय मुख्यमन्त्री के प्रयास व राज्यपाल के इस कदम ने सभी मातृशक्ति को रक्षाबंधन का उपहार हैं।
राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितोां को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेशभर के आंदोलनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गइ। आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूरी कै।बिनेट का आभार जताया। और इसे आंदोलनकारियांे के संघर्ष का नतीजा करार दिया। मसूरी काफीह तादाद में आंदोलनकारियों को चिहनीकरण किया गया था। यहां पर 2 सितंबर 1994 को हुए गोलीकांड में राज्य आंदोलनकारियों को भारी उत्पीड़न किया गया था। आरक्षण मिलने से आंदोलनकारियों में जबरदस्त खुशी है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के संरक्षक जयप्रकाश उत्तराखंडी, अध्यक्ष देवी गोदियाल, पूरण जुयाल, प्रदीप भंडारी, बिजेंद्र पुंडीर, शूरवीर भंडारी, भानु काला, नरेंद्र पडियार समेत तमाम आंदोलनकारियों ने सरकार का आभार व्यक्त किया। और इसे आंदोलनकारियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन करार दिया

 
						