पहाड़ों की रानी की और रूख करने लगे है सैलानी

उत्तराखंड मसूरी

मसूरी
घरों में कोरोना में लंबे समय से चारदीवारी मे बंद लोग अब सैर-सपाटे पर निकलने लगे है। दिल्ली और अन्य महानगरों मंे कोरोना से हल्की राहत और छूट मिलते ही पर्यटकों ने पहाड़ों की रानी मसूरी की और रूख करना शुरू कर दिया हैं। रविवार को लाइब्रेरी बाजार, कैमल्स बैक रोड समेत विभिन्न स्थानों पर सैलानियों के वाहन खड़े नजर आए। कई होटलों में भी सैलानियांे की चहलकदमी शुरू हो गई है।
काबिलेगौर है कि मसूरी में बीते एक दो सप्ताह से कोविड के पाजिटिव मामले बहुत कम आए है। और नगर में सरकार की गौर से भले ही 18 से 44 तक का टीकाकरण सेंटर बंद आमद कम हो। लेकिन प्राइवेट अस्पताल और सेंटर पर काफी संख्या में लोगों ने टीके लगाए है। माना जा रहा है कि मसूरी में जिस तेजी से होटल एसोसियेशन ने आज कर्मचारियों के लिए वृहद टीकाकरण कार्यकम आयोजित किया। और अधिकांश होटल व्यवसायी टीके लगा चुके है। इससे भी सैलानियों में एक सुरक्षा की भावना पैदा होने लगी है। अलबत्ता आने वाले दिनों में टीकाकरण की रफतार तेज होने की पूरी उम्मीद की जानी चाहिए।
पर्यटन नगरी में जितने जल्दी टीकाकरण होगा। उससे आम लोगों की रोजी-रोटी का संकट भी दूर हो जाएगा। बताते चले कि मसूरी पूरी तरह से पर्यटन पर आधारित है। यहां पर बोझा श्रमिक से लेकर होटल संचालक और आम पटरी व्यापारी, रेस्तरां और ढ़ाबा संचालक पूरी तरह सैलानियों की आमद पर ही टिका है। बीते दो साल से पर्यटन उद्योग बुरी तरह से कराहा रहा है। देा सालों से मसूरी में पर्यटन सीजन पर कोरोना की काली छाया पड़ी हुई है। होटलिसर्य का मानना है कि मसूरी में आने वाले दिनों में सैलानियों की आमद पूरी तरह से देशभर में की जा रहे टीकाकरण की रफतार पर निर्भर करेगा। हालांकि कुछ होटल व्यवसायियों का यह भी मानना है कि पर्यटनार्थ आने वाले लोगों बीते साल भी आरटीपीआर टेस्ट कराकर आ ही रहे थे। उनका मानना है कि महानगरों में व्यापार, व्यवसाय से जुड़े लोग प्राइवेट सेंटर पर टीका लगवा रहे है। इसका सीधा लाभ पर्यटन पर पड़ेगा। महानगरो से लोग गर्मियों के अवकाश बीताने के लिए पहा़ड़ों की और रूख कर सकते है। अधिकांश होटल व्यवसायी टकटकी लगाए हुए है।

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