“धनोल्टी में भाजपा के भीतर के सब कुछ ठीक नही चल रहा है”

उत्तराखंड राजनीति

(उपेन्द्र लेखवार)

धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पँवार का भाजपा औऱ पीडीएफ कार्यकर्ताओ ने जोरदार स्वगत किया

पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर प्रीतम सिंह पँवार ने दो राष्ट्रीय दलों को हरा कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की । औऱ प्रीतम सिंह पंवार के अनुसार उनके कार्यकताओं का दवाब भी उन पर था किसी राष्ट्रीय दल से उनको जुड़ जाना चाहिए उन्होंने दिल्ली में  राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने बी जे पी का दामन थाम तो लिया लेकिन धरातल में जो लोग पार्टी का काम कर रहे थे आज के इस कार्यक्रम में वह और उनके समर्थक कही नजर नही आए जिससे लगता कि धनोल्टी में पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नही है , हालांकि कुछ पुराने मण्डल अध्यक्ष औऱ पुराने बी जे पी कार्यकताओं को इकट्ठा कर के धनोल्टी में पार्टी ने यह मैसेज देने की कोशिश जरूर की है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक है।
सूत्रों की माने तो पार्टी के भीतर एक बड़ी चिंगारी अंदर ही अंदर सुलग रही है।जो लोग पार्टी में विधायक की तैयारियों में पिछले चार से लगे हुए थे उनको औऱ उनके समर्थकों को यह बात हजम नही हो रही है । दबी जुबान से कई लोगो ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि आखिर जिन लोगो ने पार्टी के लिए रात दिन एक कर के इस मुकाम तक पहुचाया है उनके भविष्य का क्या होगा । आज के कायर्क्रम में यह दिख गया कि प्रीतम पँवार का अपना एक मजबूत गुट भी है ।जो कि बी जे पी की नीति औऱ रीति में विश्वास नही रखता वह सिर्फ व्यक्ति के साथ है, जब बी जे पी जिंदाबाद के नारे लग रहे थे तो वह लोग खामोश ही थे लेकिन प्रीतम पँवार जिंदाबाद के सुर भी मिला।

वही मण्डल अध्यक्ष हीरामणि गौड़ ने कहा कि हमारे लिए जो भी व्यक्ति पार्टी का टिकट लाएगा हम सब ने उसका काम करना है पार्टी चाहे किसी को भी टिकट दे, हमारे लिए तो कमल का फूल ही सब कुछ होता है, जिसके पास भी पार्टी का सिंबल होगा वही जीतेगा ।

पूर्व ब्लाक प्रमुख गीता रावत  जिला पंचायत सदस्य भोला परमार  कार्यक्रम से दुरी बना कर रखी,  हालाँकि मण्डल अध्यक्ष हीरामणि गौड का इस पर भी अपना तर्क है कि यह सब लोग पार्टी के वरिष्ट लोग हैं औऱ कई जगह पार्टी का कार्यक्रम चल रहे हैं। कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र राणा, सी एम के जनसंपर्क अधिकारी रोहित रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य आशुतोष कोठारी, जयेन्द्र बिजल्वाण, रमेश लेखवार, सुनील थपलियाल, गिरधारी लाल नौटियाल, वीरेंद्र थापली, प्रवीण पंवार, श्रीपाल रावत, अरविंद सकलानी, बबीता पंवार, अबिलाष कुमार, जयदेव लेखवार, लाब सिंह पंवार, सबल सिंह, नरेंद्र पंवार आदि शामिल थे।

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