अंकित ने लेफ्टिनेंट बनकर इलाके का नाम ऊचा किया, सचिन से ले प्रेरणा

उत्तराखंड
कीर्तिनगर
कंडोली (कणोली) गांव का रणबांकुरा बना सेना का अफसर
शनिवार को जब आईएमए की चेटवुड बिल्डिंग के सामने के मैदान में देश के 341 और विदेश के 84 कैडेटस ने कदमताल करते हुए पीओपी पूरी की तो हर कोई गदगद नजर आया। शनिवार का दिन मेरे टिहरी जिले के कीर्तिनगर विकासखंड के लिए भी गौरव का दिन रहा। गौरव इसलिये कि इलाके के जखण्ड गांव से तो पहले से सेना में अफसर रहे हैं लेकिन इसके आसपास के टकोली कंडोली, सेमला, न्यूली पाब, पैंडुला से सेना में अफसर बनने के इस सूखे को खत्म किया कंडोली गांव के होनहार अंकित बडोनी ने। अंकित के दादा श्री देवेंद्र प्रसाद बडोनी शिक्षक रहे। उनके पिता राजेश बडोनी छह गढ़वाल रायफल में सिपाही के पद पर भर्ती हुए और सूबेदार के पद से रिटायर। वर्तमान में अंकित का परिवार देहरादून के नथुवाला में भरतु चौक के पास रहता हैं। अंकित के कंधे पर जैसे ही सितारे सजे तो इलाके का सीना चौड़ा हो गया। चौड़ा होता भी क्यों नही क्योकि वह ऐसी सेना का हिस्सा बना जिसका अपना इतिहास है।  क्षेत्रवासी कामना करते हैं कि अंकित सेना में सफलता की ऊंचाईयों को छुए और नई पीढ़ी के लिये प्रेरणा स्रोत बने।
जनपद रुद्रप्रयाग के विकास खंड ऊखीमठ के एक छोटे से ग्राम रेल (फाटा)  धीर सिंह तिन्दोरी व श्रीमती सावित्री देवी के सुपुत्र सचिन तिन्दोरी  भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून से बतौर लेफ्टिनेंट के पद की शपथ ग्रहण करने के उपरान्त अपने वतन की रक्षा के लिए भारतीय थल सेना में शामिल हो गए हैं। एक सामान्य से पृष्ठभूमि के साथ विकट और दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद सचिन तिन्दोरी ने आज भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जैसे प्रतिष्ठित पद को हासिल किया है। विधायक शिला रानी रावत ने  सम्पूर्ण केदारघाटी की ओर से लेफ्टिनेंट सचिन तिन्दोरी के माता-पिता एवं सभी ग्रामवासियों को हृदय से बधाई दी और कहा कि आशा करती हूँ कि युवा पीढ़ी के होनहार बच्चों को अफसर सचिन तिन्दोरी की उपलब्धि से निःसंदेह ही जीवन में सफलता हासिल करने के लिए बहुत प्रेरणा मिलेगी।
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