कुठालगेट से लेकर मसूरी तक पुलिस का पहरा बढ़ा, अब कोविड की निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही सैर-सपाटा, वीकेंड के बावजदू मालरोड पर सैलानियों की चहलकदमी अपेक्षाकृत कम

उत्तराखंड मसूरी

मसूरी
पहाड़ों की रानी की सैर करने वालों पर कई तरह की शर्ते लाद दी गई है। अब कोविड की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही स्मार्ट सिटी पोर्टल पर आॅन लाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही मैदानी इलाकों से आने वाले लोग मसूरी का दीदार कर पाएंगे। वरना राज्य की सीमा और अन्य चेकपोस्ट से वापिस लौटना ही होगा। इस बावत पुलिस और प्रशासन ने मसूरी के प्रवेश द्वार पर कड़ा पहरा लगा दिया है।
बताते चले कि बीते दिनों मसूरी और कैंपटी फाॅल में भारी संख्या में सैलानियों का जमावड़ा लग गया था। सैलानी बिना मास्क के घूम रहे थे। सोशल डिस्टेेेंसिंग का अनुपालन तो न तब संभव था और न आज ही संभव हो पा रहा है। सैलानी की अपार भीड़ की गूंज दिल्ली दरबार तक पहुंची तो हाकिम का नाराज होना स्वाभाविक था। उधर हाईकोर्ट लगातार बढ़ती भीड़ को लेकर राज्य सरकार को आगाह कर ही रहा था। बढ़ती भीड़ तीसरी लहर को जल्दी ही दावत दे सकती है। इससे पुलिस और प्रशासन चैकन्ना हो गया। प्रदेश की सीमाओं पर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया। अलबत्ता मसूरी आने वालों पर खास नजर रखी जा रही है। जरूरी औपचारिकता के बगैर प्रवेश पर पाबंदी लगायी जा रही है। शनिवार और रविवार को कुठालगेट से लेकर मसूरी में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई थी। मिशन मर्यादा के तहत चालान किए गए। मर्यादा तोड़ने वालों पर आर्थिक दंड दिया गया। वही कुठालगेट से भारी संख्या में सैलानियों को लौटाया गया।

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